'स्पाइडर सिल्क'(स्टील से ज्यादा मजबूत)
बैक्टीरिया 'स्पाइडर सिल्क' बनाते हैं जो स्टील से ज्यादा मजबूत होता है
आज हम जानेंगे की स्पाइडर सिल्क क्या होता है
मकड़ी जो रेशम प्राकृतिक रूप से बनाती है साइंटिस्ट उस रेशम को कृत्रिम रूप से बनाने की कोशिश कर रहे है मकड़ी के रेशम से ज्यादा मजबूत | वैज्ञानिक लंबे समय से सिंथेटिक स्पाइडर सिल्क बनाने और इससे मजबूत कपड़ों से लेकर सर्जिकल थ्रेड्स बनाने की कोशिश कर रहे है मकड़ी के रेशम बनाने प्रोटीन को स्पाइडरिन कहते है स्पिनरनेट, मकड़ी के पिछले सिरे के अंग से निकालता है जो की तरल रूप में होता है और यह मकड़ी के पेट से धागो के रूप में निकाल दिया जाता है स्पाइडरिन प्रोटीन मकड़ी की रेशम ग्रंथि में बनता है वाशिंगटन विश्वविद्यालय में जिंग्याओ ली और उनके बॉस, फ़ूज़होंग झांग ने सोचा कि क्या वे स्पाइडरिन के साथ एमिलॉयड को मिलाकर एक बहुत लंबा हाइब्रिड प्रोटीन बना सकते हैं जो आसानी से नैनोक्रिस्टल का आकर ले सके | उन्होंने इस संकर को अमाइलॉइड-प्रोटीन कहा | डीएनए आनुवंशिक कोड है वैज्ञानिको ने बैक्टीरिया में विदेशी डीएनए का एक टुकड़ा डालने से शुरुआत की। एस्चेरिचिया कोलाई पर्यावरण और मानव आंत में पाया जाने वाला एक सामान्य जीवाणु है। वैज्ञानिकों ने इस बैक्टीरिया को चुना | वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया में डालने से पहले इसे प्रयोगशाला में सूक्ष्मता से बदल दिया। जब क्लंप किया जाता है, तो यह सफेद सूती कैंडी जैसा दिखता है
मकड़ी के पेट में उपस्थित तरल प्रोटीन की कताई कर धागो के रूप में निकल दिया जाता है पर वैज्ञानिक अभी तक मकड़ी के स्पिनरों की वेब-कताई क्रिया की नकल नहीं कर सकते हैं। इसलिए वेसबसे पहले, वे प्रोटीन पाउडर को एक घोल में घोलते हैं। फिर वे उस घोल को एक महीन छेद से दूसरे घोल में धकेलते हैं। जिससे तरल प्रोटीन धागो में बदल जाता है जब वैज्ञानिको ने इन धागो की मजबूती और तनने की क्षमता परखा तो चला की कृत्रिम रेशम प्राकृतिक रेशम से ज्यादा मजबूत था और यह पिछले प्रक्रियाओं से आसान था तथा इसने कम समय भी लिया था ली और झांग कल्पना करते हैं कि एक दिन अपने रेशम को वस्त्रों या कृत्रिम मांसपेशी फाइबर में बदल दें। ऐसे सैकड़ों अमाइलॉइड हैं जिन्हें हमने अभी तक आज़माया नहीं है। इसलिए इनोवेशन की गुंजाइश है।"
Link : https://www.sciencenewsforstudents.org/article/innovation-bacteria-spider-silk-stronger-steel-chemistry-engineering
Thanks for read this article made by : YASH SHARMA
Dated : 15/12/2021
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